रूस का कोरोना वैक्सीन: रूस के राष्ट्रपति भ्लादिमिर पुतिन ने कोरोना महामारी में झेलते हुए मरीजों के लिए एक खुस खबरि लये हैं । पुतिन ने दावा किया हे, की उनके देश बिश्वा में सबसे पहले कोरोना महामारी के टिका निकालिये हे। रूस के राष्ट्रपति ने इस वैक्सीन का नाम ‘Sputnik V’ रखा हे। इस सफलता को लेकर जहाँ रूस में खुसी का माहौल हे, वहीँ काई अन्य देशों में इसको लेकर बहुत सारि सबल कड़ी की हैं। कहाजाता हे की रूस ने चीन के रेस से आगे रेहनेकी मकसत में जड़बाजी दिखाई हे। पश्चिमी देश की ये कहना हे की ये अभीतक तैय नहीं कियागया हे, वैक्सीन असरदार या सुरक्षित हे। 

ऐसेमे सबसे बड़ी सवाल : पश्चिमी देशोंने सबसे बड़ी सवाल ये उठाया हे की इतनी जल्दी रूस ने वैक्सीन कैसे तैयार कर सक्ति हे। इस में सुरेन्को का कहना हे की रूस ने जो तरीका अपनाया हे विरल वेक्टर का वो संसथान पहलेसेही बनाचुका था। ये संस्था एबोला जैसे बीमारी के किये पहले वैक्सीन बनाचुकाथा। जिसका इस्तिमाल वैक्सीन की तौर पैर किया जा चूका हे। उनका कहना हे की अभीतक कोई और नहीं कर पाया हे। गमलया नेशनल  इंस्टिट्यूट इस तकनीक पैर 1980 से ही काम कररहा था। तो इसकेलिए उनको सुरुसे तैयार नहीं करनीपड़ी। और ये बजह हे की उन्होंने बहुत जल्दी वैक्सीन तैयार कर दी गयी। वो कहते हे की ये वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हे। इसके साथ ही ये कहते हे की अब इस वैक्सीन ऊपर इतनी सबल क्यों उठाया जारहा हे।

पश्चिमी देशों के आरोप:

पश्चिमी देश का और भी आरोप हे की ये वैक्सीन को चोरी करके बनायागया हे। सिर्फ  पश्चिमी देश ही नहीं बिश्वा हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने भी रूस के वैक्सीन पर सक करते हुआ ये कहा, की रूस को ट्रायल से जुड़ा सारा डाटा उपलब्ध करना गोगा। इस बात को लेके पुतिन का कहना हे की ये वैक्सीन अपनी बेटी पर टेस्ट कियागया हे। और देश के बड़े  एक्सपोट भी दावा किया हे की वैक्सीन वालों ने कोई ल्दबाजी नहीं की हे। उन्होंने बिश्तार से समझाया हे की उन्होंने वैक्सीन कैसे बनाया और इतनी जल्दी कैसे तैयार करली गयी। मॉस्को सिटी हॉस्पिटल 52 के डॉक्टर का कहना हे की रूस के इस वैक्सीन पर पूरीतरह से वरोसा किया जा सकता हे।

कब, कहाँ और कितने रुपये टीका उपलब्ध होगा:

इस सभी को बाद देनेके बाद पूरी दुनिया के आस्था पर अब रूस के वैक्सीन हे। अब पूरी दुनिया जानना चाहता हे की ये वैक्सीन कब,कहाँ और कितनी रूपए में मिलेगा। रूस के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है, की ये टिका पहले रूस के सभी स्वस्थ्य कर्मिओं को दिया जायेगा। सितम्बर तक इसका उत्पादन सुरु हो जायेगा। और नवंबर तक ये टिका साधारण जनताओं के लिए उपलब्ध होगा।

ऐसी बिच टिका लेनेवालों के पंजी कारन भी सुरु होगया हे। पंजीकरण के 3 से 7 दिन के अंदर ही उन लोगोंको टिका दी जाएगी। रूस के एक एजेंसी का कहना हे की ये टिका रूस में मुफ्त में मिलेगा। पर अन्य देश में ये टिका को बेचा जायेगा। अगर भारत ये टिका खरीदेगा तो कितने रूपए में खरीदेगा वो अब तक तै नहीं हुई हे। यहाँ भारत भी कोरोना वायरस के वैक्सीन निकलने में लाग्गै हे जिसका पहला परीक्षण सफल रहा हे। भारत को उम्मीद हे की दिसम्बर तक भारत अपनी खुद की वैक्सीन बनालेगा।

क्या रूस का कोरोना वैक्सीन इंसानों पर कारगर हे ?

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